श्री योगी आदित्यनाथ
माननीय मुख्यमंत्री
श्रीमती गुलाब देवी
माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), माध्यमिक शिक्षा
डॉ० सरिता तिवारी शिक्षा निदेशक,
माध्यमिक शिक्षा परिषद्
श्रीमती आराधना शुक्ला,
I.A.S अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा
श्री दिव्य कांत शुक्ल सचिव,
माध्यमिक शिक्षा परिषद्
पुस्तकालय
छात्रवृत्ति
खेल और योगा
सी.सी.टी.वी.
पेयजल व्यवस्था
प्रधानाचार्य की कलम से
विद्यार्थी जीवन प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति के जीवन का स्वर्ण काल होता है प्रत्येक विद्यार्थियों उपजाऊ भूमि पर लहलहाती फसल के समान है , जिस पर प्रत्येक देश और समाज की आधारशिला निर्मित होती है | विद्यार्थी राष्ट्र के भविष्य नियंता होते हैं |देश के विकास रुपी रथ के वाहक विद्यार्थी ही होते हैं | जिस देश के विद्यार्थी शारीरिक तथा मानसिक रूप से जितने मज़बूत होंगे उस देश का विकास रूपी रथ संसार की प्रगति रुपी दौड़ में उतनी ही तीव्र गति से आगे बढता है | हमारे देश का प्रत्येक विद्यार्थी अनंत क्षमताओं का अक्षय भंडार है | प्रत्येक विद्यार्थी में ये क्षमता अनिवार्य रूप से मौजूद होती है कि वह अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर लें | शिक्षा महज़ सूचनाओ का भंडार नही है बल्कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य तब पूरा होता है जब विद्यार्थी पढ़ –लिख कर एक आदर्श नागरिक बने और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निर्वहन करें | किसी भी राष्ट्र के भविष्य को आकार देने का प्रमुख दायित्व शिक्षकों पर ही होता है शिक्षक को साहित्य और समाज में भगवान से ऊँचा स्थान दिया गया है शिक्षक समाज का सबसे विश्वासपात्र मनुष्य होता है और इस विश्वास को बनाये रखना उसका परम कर्त्तव्य होता है | शिक्षक प्रत्येक परिस्थितियों में अपने आशीर्वाद रुपी वर्षा के माध्यम से बच्चो को सदा हरा भरा बनाये रखते हैं | विद्यार्थी एक पत्थर के समान होता है जिसे शिक्षकों द्वारा तराश करके एक मूर्ति का आकार प्रदान किया जाता है | ये मूर्तियाँ आगे चल कर एक सामासिक संस्कृति और प्रगतिशील समाज का निर्माण करती हैं |
हमारे बारें में
शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र की संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन एवं हस्तानांतर होता है | छात्राएं शिक्षा के माध्यम से ही अपने व्यक्तित्व का विकास तथा राष्ट्रीय संस्कृति को ग्रहण कर सकती हैं |
शिक्षा हमारे अन्तर्निहित अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञानरुपी प्रकाश को प्रज्जवलित करती हैं | यह व्यक्ति को सभ्य सुसंस्कृत बनाने का एक सशक्त माध्यम हैं | यह हमारी अनुभूति एवं संवेदनशीनलता को प्रबल करती है तथा वर्तमान एवं भविष्य के निर्माण का अनुपम स्रोत हैं | आज का मानव अपने मानवीय मूल्यों के प्रति विमुख हो चुका हैं | ऐसा स्थिति में उचित शिक्षा ही हमारे आदर्श एवं विश्वास समाज में अनुपस्थित होते जा रहे हैं | ऐसी स्थिति में उचित शिक्षा ही हमारे मूल्यों को विकसित करने में सार्थक कदम उठा सकती हैं | शिक्षा हमारे वंछित शक्ति का विकास करती हैं | इसके आधार पर ही अनुसंधान और विकास को बल मिलता है | यह हमारी संवेदनशीलता और दृष्टि को प्रखर करती है | इससे वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है तथा समझ एवं चिन्तन में स्वतंत्रता आती हैं | एक प्रकार से शिक्षा राष्ट्रीय आम्तनिर्भरता एवं नारी के सर्वागीण विकास की आधारशिला हैं |
अतः अपने उक्त उद्देश्यों को लेकर जनपद मऊ के मिश्रवली में एक दीप के रूप में स्थापित यह विद्यालय अपने सिद्धांतों को लेकर आगे बढ़ रहा हैं | हमारा उद्देश्य विद्यालय की छात्राओं को चहुमुखी विकास से जोड़ना तथा समाज में उनके मान एवं सम्मान का मार्ग प्रशस्त करना हैं | विद्यालय अपने उद्देश्यों को लेकर अत्यधिक गंभीर है तथा समाज के शिक्षित, प्रतिष्ठित, सामाजिक एवं दानी व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करने का हर संभव प्रयास कर रहा है, हमारे समाज में नारियों का जो मन सम्मान है वो पुरुषों से कम नहीं होना चाहिए , इसलिए उनकी शिक्षा एवं कार्य कुशलता के मार्ग में हम आप सबका स्नेह, सहयोग एवं मार्गदर्शन, प्राप्त करना चाहते है इस भावना से हमारे लिए आपके सहयोग एवं सुझाव सादर आमंत्रित हैं |